सोमवार, 28 फ़रवरी 2011

chehrapuran

बड़े दिन बाद घोंचू से मिल रही हूँ. क्यों रे घोंचू चेहरा बड़ा उतरा लग रहा है? बात का हुयी? घोंचू- जब से दूसरों का चेहरा पढना जाना है, खुद के चेहरे की रंगत बिगड़ गयी  है. अरेचेहरा काहे पढ़ते हो .    
 सीधे दिल में उतर जाओ. घोंचू- आसान काम थोड़े ही था चेहरा पढ़ लेना. ऐसा लगा जैसे लोकतंत्र आ गया पकिस्तान में ,इंडिया जैसे. मासूम चेहरा और निगाहें फरेबी मुझसे  काहे फेंकते हो? अच्छा बता- २जी वाले चेहरे पे क्या-क्या लिखा है? झट से बोला- राडिया लिखी है , राजा लिखा है, ,उसकी सारी करम कहानी लिखी है. कहूं -कहूं तो टाटा और अम्बानी भी लिखा है.ए तेरी तो.   आखें फटी की फटी रह गयी इस जनता तबके के  घोंचू पर.मन ही  मन सोचा नज़र लगी राजा तोरे बंगले पे.ये घोंचू जाने कब  से अन्त्योदय योजना में पड़ा है. इतना इंतजाम कार्यो निकलने का नाम ही न लेवे है. पिछले दिनों तो हद कर दी इसने.  एक शो रूम में घुस के बी. पी. एल. कार्ड पे नैनो  मांग लियो. ये भी नहीं सोचा की साइकिलें  किसके भरोसे बिकेंगी. मैंने फिर पूछा- cwg के चेहरे..... बीच में ही बोल पड़ा- चोर -चोर चिल्ला के कजरी सुनाऊँ , जैसे चाहो वैसे बताऊँ . मेरे कान में फूंका - कलमाड़ी लिखा है. यकीन अब नहीं हो रहा था . सोचा चलो सीता मईया की की तरह इसकी परीक्षा लेती हूँ. बता तो ज़रा- बोफ़ोर्स वाले पे क्या लिखा था? क्वात्रोची लिखा था? दलाली लिखी थी ,राजनीती की गन्दी कहानी लिखी थी. उसके बाद तो मैं बस नाम देती गयी. चिट्ठे वो एवें खोलता चला गया. वैसे ही जैसे दूल्हे की पोस्ट बोलो दाम bazar  के हिसाब से फिक्स हैं. भोपाल गैस कांड- एन्डरसन लिखा था . गोधरा दंगे -मोदी लिखा था. बाबरी मस्जिद- विहिप लिखा था, अडवाणी लिखा था, हिन्दू - मुस्लिम वोट बैंक की कहानी लिखी थी. धनस्याम के चेहरे पे- पूरे के पूरे अट्ठारह नाम गिनायो घोंचू ने .धुपेलिया टाइप, मेहता टाइप, हंसमुख गाँधी टाइप ...........  बहुत बक -बक कर रहा है. चवन्नी भर का सवाल बता.सरकार के चेहरे पे क्या पढ़ा? इतना सुनते ही घोंचू चारों खाने चित्त. ज़मीन पे बेसुध पड़ा था. काटो तो खून नहीं. घाट - घाट का पानी उसके चेहरे पे छिड़का होश न आया .एक और घोटाले की कहानी पूंकी उसके कान में .तब जाके होश आया. उठते ही बोला - ये सब  और इससे कहीं ज्यादा सरकार के चेहरे पे लिखा है........         

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