मंगलवार, 8 फ़रवरी 2011

Kitaben bahut si padhi hongi humne!

लखनऊ विश्वविद्यालय ०८ ०२ २०११
किताबें जीवन कि सच्ची दोस्त होती है इसके लिए किताबो को पढ़ते रहना पड़ता है. पुस्तक प्रेमियों को एक ही जगह पर विभिन्न प्रकार कि पुस्तकें कम दामो में uplabdh करने का काम लखनऊ विश्वविद्यालय में नेशनल बुक ट्रस्ट की or से लगाया गया rashtriya पुस्तक मेला कर रहा हैजो विद्यार्थियों के साथ साथ अध्यापको और महिलाओं को भी आकर्षित कर रहा है. prabhat प्रकाशन दिल्ली के स्टाल पर पाठक प्रसिद्ध  हस्थिओं की जीवनी और उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकें उपलब्ध हैं. नेशनल बुक ट्रस्ट के स्टाल पर शेख चिल्ली की किताबो के साथ साथ stationary और स्टिकर्स बच्चो की पसंद बने है.  संस्कृति संसथान दिल्ली ने धार्मिक पुस्तकों से ले कर ज्योतिषी शास्ष्ट्र पर भी किताबें है. इस्लामिक publications की हिंदी इंग्लिश कुरान युवाओं को सभी धर्मो को अपनी भाषा में समझने अक अवसर देती है.
          भा गए दादी माँ के नुसखे
नव्या बुक स्टाल पर दादी माँ के नुस्खो से ले कर ब्लड  प्रेशर कंट्रोल पर भी किताबें हैं. घरेलु नुश्खो की अपना कर कैसे छोटी बिमारिओं से बचा  जाए ये भी यहाँ की किताबें बताती है.
          "माँ मुझे किताब माँगा दो"
मुझे कहानिया चुटुकुले पढना पसंद है और मैंने "खों खों- भों भों" नाम की किताब ली है - अंकित, CMS .
          शिवानी बनी पहली पसंद
राज कमल प्रकाशन की सबसे अधिक बिकने वाली किताबें लेखिका शिवानी की हैं इसके आलावा गिरेन्द्र सारंग की वज्रांगी भी पठाको ne पसनंद की.

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