गुरुवार, 7 जून 2012

चिगी मिगी मिग

मिग ले लो मिग, मिग ले लो मिग. पुराना टूटा फूटा अन्दर से खोखला, संयुक्त प्रयास से बना मिग. मिग २१ लो या २९ सबका एक ही काम, एक ही खूबी. रूस आवाज़ लगा लगाकर बेंच रहा है और भारत उसे पाने के लिए मचलता रहता है कि रसिया मैं तो मिग वाला खिलौना लेहौं. भले ही एयरपोर्ट पर सजावट के लिए खड़ा कर दूं, पडोसी को डराऊं कि मेरे पास मिग ही तेरे पास क्या है । । हैं।  खूबी तो सुनो ऐसा वैसा मिग नहीं है। । । पहली बात तो आसानी से उड़ता नहीं और जब स्टार्ट हो जाता है तो बीच आसमान में धोखा देता है।  बेचारा पायलट चेन पुलिंग भी नहीं कर सकता। जान तो जाती ही है उस पर से इलज़ाम भी उसी पर। होना तो ऐसा चाहिए कि मिग पर लर्निंग लिखवा लें जिससे दुर्घटना होने पर कोई लोचा न होने पाए।  खिडक़ी खोल कर भागा भी नहीं जाता।  ये तरकश का वो दिखाऊ तीर है जिसे रखने में बड़ा खर्च आता है।  हमारे जो सैनिक अकेले दम पर दस दस आदमियों पर भारी पड़ते हैं वो इस मिगनुमा खिलौने से हार जाते हैं।  एक बात तो तय है कि जाको राखे मिग मियां मार सके न कोय।  रूस बेचारा क्या करे उसके यहाँ जगह कम पड़ जाती है इसीलिए इण्डिया से कह देता है कि बहन रख लो बाद में दे देना तुम पर हमें पूरा भरोसा है।  पैसे न हो तो  पायलटों की जान के बदले ले लो।  पायलट की जान तो तुम्हारे यहाँ वैसे भी सस्ती है।  उन्हें दे देना कोई पदक वदक या पेट्रोल पम्प।  बड़े साहसी होते है तुम्हारे पायलट जिनको उड़ाने का खतरा हम नहीं उठाते उन्हें तुम पैसे देकर उठती हो।  बदले में ऐलान कर देंगे कि संयुक्त तकनीक से बनाया है।  भले ही तुम खाली नट बोल्ट कसना पर बनेगा तो संयुक्त तकनीक से न।  संयुक्त तकनीक भी बड़े काम की चीज होती है। हमारे यहाँ ये खूब चलन में है। जब विमान संयुक्त रूप से बनते हैं तो बहुत कुछ संयुक्त रूप से होता है जैसे पैसे का लेन देन। खरीद के कागज़ भी संयुक्त रूप से बांट दिए जाते हैं जिससे कि किसी एक को जवाब न देना पड़े।  जाँच हो तो संयुक्त रूप से कागज़ चोरी हो जायें।  अब तो समझ में आ गया हो कि मिग कोई ऐसा वैसा खिलौना नहीं है।  संयुक्त तकनीक वाला खिलौना है।  तो मिग ले लो मिग, संयुक्त तकनीक वाला मिग।    

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