शनिवार, 1 दिसंबर 2012

यादों ने ऊँगली पकड़
साथ चलने की
जिद की
मैनें अनमने मन से
हटा दी धूल
वक़्त के आईने से
और तब उसने दिखाया
एक चेहरा
जिसे देखते ही
सीने में सालों से सोयी
कई धडकनें
एक साथ उछल पड़ीं ....................संध्या यादव

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