गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013

उसने हुनर पाया था

दर्द औरों के महसूसने का

ये उसके सपनों का हिस्सा थे

जो सारी रात जगाते थे

आँखे बहतीं शब्द बनकर

लोग समझ बैठे वो इश्क़ में है

-संध्या

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