कोई तुकबंदी मत करना
भावनाओं का सरलीकरण भी नहीं
किसी श्रेणी में रखोगे
तो बात बिगड़ने का अंदेशा
उड़ेगा नहीं प्यार का रंग
अतः रंगहीन ही रखो
तो और भी अच्छा
बस बिखेरते जाओ
नियमहीन
कच्चे अनगढ़ शब्द
मेरी मानो
बन जायेगी प्रेम कविता
-संध्या यादव
भावनाओं का सरलीकरण भी नहीं
किसी श्रेणी में रखोगे
तो बात बिगड़ने का अंदेशा
उड़ेगा नहीं प्यार का रंग
अतः रंगहीन ही रखो
तो और भी अच्छा
बस बिखेरते जाओ
नियमहीन
कच्चे अनगढ़ शब्द
मेरी मानो
बन जायेगी प्रेम कविता
-संध्या यादव
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