गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013

बचपन की कहानियाँ याद करती हूँ तो सबमें एक ही बात घुमा फिराकर थी। कि एक थी राजकुमारी बहुत सुंदर। उसका प्रिय खिलौना आईना जिससे वो अक्सर पूचा करती थी बता धरती पर सबसे सुन्दर कौन। और आईना तारीफ़ों के पुल बाँधते हुए कहता था-तुम राजकुमारी। हर कहानी में कोई डायन या सौतेली माँ होती थी जो राजकुमारी को मारना चाहती है। कभी सात बौने या कोई राजकुमार उसे बचाने को आता था और अंत में उससे शादी कर लेता था। बस कहानी ख़तम हो जाती थी। कभी कोई स्नोव्हाईट या सिंड्रेला किसी राजकुमार को नहीं बचाती थी और तो और सालों सोई रहने वाली ये राजकुमारियाँ ख़ुद अपना बचाव नहीं करतीं।कितने ताज्ज़ुब की बात है हमने जीवन के हर क्षेत्र में नयीं चीज़ें ईजाद की हैं पर अपनी परियों के लिए कोई नई कहानी नहीं गढ़ी। क्यों हम उसे रात बिस्तर पर सुलाने से पहले नहीं कहते कि- बिटिया तुम्हारे जैसी एक थी कल्पना चावला, एक है kiran bedi, एक है सुनीता विलियम्स और एक है इंदिया नूई। कहेंगे भी कैसे हमने तो पहले ही तय कर रखा है कि खिलौने की दुकान पर रखी नाज़ुक गुड़िया ही हमारी नन्हीं बिटिया की पसन्द बनेगी।

-संध्या यादव

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