मंगलवार, 19 फ़रवरी 2013

बारिश

झमाझम बारिश में

खिड़की के पास खड़े होकर

जब भी कोई

धुंधला चेहरा बुनती हूँ
सामने आ जाते हैं

घोंसलों में दुबके

अपने डैनों में

बच्चों को छिपाये

पंछी...

पुआल की खरही में

दुबकी पगली

बिना दिहाड़ी किये

घर जल्दी लौटा

अँगनू...

और ढोर डंगर संग मड़ैया में

सोई भक्तिन आजी

-संध्या यादव

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